ये दोनों तस्वीरें राजस्थान के सर्वाधिक सरसब्ज जिले श्रीगंगानगर की है। इस वक्त जहां खेतों में सरसों के पीले फूलों की चादर बिछी हुई है और सरसराती हवा बसंत के आने का संदेश दे रही है। वहीं धन-धान्य से भरपूर इस जिले का एक स्कूल ऐसा है जहां बच्चों के सर पर टीन-टप्पर की टूटी-फूटी ऐसी छत है जो कभी भी गिर सकती है। भरी सर्दी में बच्चे ठंडी बयार को सहते हुए भी राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल, नंबर 10, श्रीगंगानगर में पढ़ाई को जारी रखे हुए हैं। इस उम्मीद में कि उनका आने वाला कल इन खेतों की तरह रंगों से भरा खिलखिलाता हुआ हो।
गाँवों मे अभी भी बहुत से स्कूलों की स्थिती दयनीय है। अच्छी जानकारी। धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत अच्छा ब्लॉग है आपका..... राजस्थान की फोटोस सब कह रही हैं...
ReplyDeleteब्लॉग जगत में पहली बार एक ऐसा सामुदायिक ब्लॉग जो भारत के स्वाभिमान और हिन्दू स्वाभिमान को संकल्पित है, जो देशभक्त मुसलमानों का सम्मान करता है, पर बाबर और लादेन द्वारा रचित इस्लाम की हिंसा का खुलकर विरोध करता है. जो धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले हिन्दुओ का भी विरोध करता है.
ReplyDeleteइस ब्लॉग पर आने से हिंदुत्व का विरोध करने वाले कट्टर मुसलमान और धर्मनिरपेक्ष { कायर} हिन्दू भी परहेज करे.
समय मिले तो इस ब्लॉग को देखकर अपने विचार अवश्य दे
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