स्वच्छता और बेहतर स्वास्थ्य के दावे करने वाले प्रशासन और शिक्षा विभाग का आलम ये है कि विद्यार्थियों को पीने का स्वच्छ पानी तक नसीब नहीं होता। उन्हें गंदगी के आलम में नल से टपकते पानी से अपनी प्यास बुछानी पड़ती है। ऐसे में सरकार द्वारा संचालित हाथ धुलाई दिवस, स्वास्थ्य मित्र योजना व संपूर्ण स्वच्छता अभियान जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं महज कागजों में सिमटी नजर आती हैं। ये दृश्य हैं बाडमेर जिले के बायतू ब्लॉक में स्थिति एक सरकारी स्कूल का, हालांकि ऐसे दृश्य आपको बाडमेर जिले के अधिकांष स्कूलों में देखने को मिल सकते हैं।