Saturday, July 30, 2011
यूं बुछती है हमारी प्यास....
Monday, July 18, 2011
गुमनाम सी ये जिंदगी..........
गुमनाम सी ये जिंदगी..........कभी खलासी तो कभी शनि उपासक बनती है। नेहरू, गांधी के दावे, दावे ही रह गए...... न बचपन बदला.... न बदहाली।
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